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माचिस संग्रहण यात्रा पार्ट 2
धीरे धीरे माचिस संग्रहण की समझ बढ़ने लगी, सब लोग मेरे से सीनियर थे, मैं उनको मिला था सोशल मिडिया पर, वो पहले से थे, बहुत सिखाया उन सब ने, या यूं कहें की देख देख के सीख गया, कुछ विदेशी भी थे, जिन्होने मेरी फ्रेड रिक्वेस्ट स्वीकार की, बहुत अच्छा लगा। फिर एक समय ये हो गया, जो आजतक होता है कि अगर लोकल कोई नई माचिस मिली, सिर्फ एक, तो दुःख ज्यादा हुआ, खुशी कम, काश और मिलती तो सबके संग्रह में जाती।
पहली बात यह समझ में आई के सब के लिये लो, माचिस ही तो है। फिर शहर में कितनी माचिस हैं ये ज्ञान भी मिला साथ में यह भी पता चला कुछ माचिस कम्पनियों को छोड़ कर बाकी सब माचिस कम्पनियां, कुछ समय यानि लगभग 3 से 6 महिनों में डिजाईन में बदलाव कर देती है, जो होता तो हल्का सा है पर हम क्लैक्टरों के लिये नया सा ही होता है। तो संग्रह ना बढ़ने के तनाव से आप हमेशा मुक्त रहते हैं क्योंकि आपको आपका लोकल बाजार ही काफी माचिस प्रदान कर देता है। आगे का डिजाईन एक जैसा है पर पीछे का डिजाईन अलग है, कभी आपको साईड वाली पट्टी अलग मिलती है, कभी आपको फैक्टरी का नाम अलग मिलता है, कभी आपको माचिस की तिल्लीयों की संख्या में अंतर मिलता है, कभी पैसों में अंतर, तो तात्पर्य यह है की आपके पास खुश होने के काफी सारे कारण हैं और खुशी नई माचिस मिलने की भरपूर है और शुरू में तो आप ये नई माचिस पाने की खुशी सड़क से ही प्राप्त कर सकते है। कुछ सालों पहले तक मैं भी ये खुशी रोज प्राप्त करता था पर अब सब बदल गया है ये खुशी लगभग बन्द हो गई है आजकल। वक्त ही कुछ ऐसा है।
मेरे को एक बात और समझ में आई, जो हर संग्रहक को याद रखनी है के जैसे मैं हरियाणा राज्य के एक छोटे से प्रान्त हिसार में रहता हूँ, मेरे प्रान्त में लगभग 160 गांव है और हर लगभग हर तीसरे गांव में कम से कम 3 तरह की माचिस उपलब्ध हैं, तो जरा करो गिनती और 3 से 6 मास में नया डिजाईन, हो गई ना बल्ले बल्ले। काश ऐसा होता भारत वर्ष के 718 प्रान्तों में माचिस संग्रहक होते, उनका सोशल मीडिया में ग्रुप होता, तो हर एक के पास लाखों माचिसें होती, ऐसा सपना मैं रोज देखता हूँ।याद रखने वाली बात यह है कि हमारे भारत वर्ष में लगभग 6.6 लाख गांव है।
नक्शे में दिखाई देते हर नाम से 20 माचिस हर 6 महिने में फिर से, यह निरंतर खुशी एक माचिस संग्रहक को मिलती रहती है और मिलती रहेगी। नक्शे पर क्लिक कर के देखें मेरे संग्रह में हरियाणा के प्रान्तों में प्रचलित कुछ माचिस ब्राण्ड जिन पर हरियाणा राज्य या उसके प्रान्त के नाम का उल्लेख है। कुल जमा बात समझने वाली इतनी ही है कि आप अपनी इस हाॅबी को अपने शहर में ही बढ़ा सकते हैं, काफी सारी माचिस आपको शहर में ही मिल जायेगीं और फिर आपके पास सोशल मीडिया तो है ही। लगभग 6 साल पहले(4 april 2015) को मैंने ये ग्रुप DKMX बनाया और फिर शुरू हुआ फोटो शेयर करने का दौर, पहले कुछ फोटो अपने संग्रह से शेयर की और कुछ वो शेयर की जो एक्सचेंज के लिये उपलब्ध थी, सिलसिला चल निकला, जो आजतक निरंतर चल रहा है।
ग्रुप की और बातें अगले ब्लाॅग में करता हूँ, अभी के लिये इतना ही।
Sir ji tusi great ho...🙏🙏
ReplyDeleteVery nice sir ji,sundar jankari sir ji
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